गया [जेएनएन]। पहले दरिंदों ने सामूहिक दुष्‍कर्म किया, फिर मामले की सुनवाई के लिए बैठी पंचायत ने नाबालिग लड़की को ही दोषी करार दे दिया। पंचायत ने उसके बाल मुंडवाकर पूरे गांव में घुमाया। दिल हिला देने वाली यह घटना बिहार के गया जिला स्थित मोहनपुर प्रखंड में हुई। न्‍याय के लिए लड़की ने सीधे पुलिस महानिदेशक (DGP) को फोन किया। वहां से मिले निर्देश के अनुसार, लड़की अपनी मां के साथ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के पास पहुंची तो घटना उजागर हुई। अब सोमवार को महिला आयोग ने घटना का स्‍वत: संज्ञान लिया है। इसके बाद सिर मुड़वा गांव में  घुमाने का फैसला देने वाले पंच गिरफ्तार कर लिए गए हैं। 
छह लोगों ने किया सामूहिक दुष्कर्म 
पीड़ित लड़की का कहना है कि वह 14 अगस्त को मोहनपुर प्रखंड के एक गांव में अपने घर से निकली थी। शाम के सात बज रहे थे। तभी एक सवारी गाड़ी पर छह लोगों ने उसे अगवा कर गाड़ी में बैठा लिया। कुछ समय बाद वह बेहोश हो गई। दूसरे दिन होश आया तो उसने खुद को खून से लथपथ व नग्‍न अवस्‍था में पंचायत भवन के छज्जे पर पाया। किसी ने उसे देखकर घरवालों को घटना की सूचना दी। पीड़िता ने मां को आपबीती बताई। स्थानीय स्तर पर इसका इलाज कराया गया। 
पंचायत ने सुनाया तुगलकी फरमान 
पीड़ित लड़की ने मां को घटना की जानकारी दी। उसने घटना में शामिल एक युवक की पहचान भी की। इसके बाद गांव में पंचायत बैठी, लेकिन लड़की की बात पंचायत ने अनसुनी कर दी। पंचायत ने लड़की को ही दोषी करार दिया तथा तुगलकी फरमान जारी कर सिर मुंडवाकर गांव में घुमवाया। इस दौरान साथ चल रहे लोग लड़की व उसके परिवार पर छींटाकशी कर रहे थे। गांव के अन्‍य लोग घटना के प्रतिकार की हिम्‍मत नहीं जुटा सके। 
11 दिनों बाद पुलिस को दी जानकारी 
लड़की की मां ने बताया कि घटना को अंजाम देने वाले दबंग लोग हैं। पंचायत ने उनके पक्ष में फैसला किया तथा यह हिदायत दी कि पुलिस के पास नहीं जाना है, लेकिन घटना के 11 दिनों बाद किसी तरह दबंगों से बचते हुए एसएसपी के पास पहुंचकर घटना की जानकारी दी। 
डीजीपी के कहने पर एसएसपी से की शिकायत 
लड़की की मां का कहना है कि घटना की शिकायत करने के लिए पहले गया के एसएसपी को फोन करने पर बात नहीं हुई। इस कारण पटना में डीजीपी को फोन किया। वहां से कहा गया कि एसएसपी आवास पर जाकर शिकायत दर्ज कराएं। इसके बाद हिम्‍मत कर किसी तरह उनके पास पहुंची। 
महिला थाने में दर्ज कराई दो एफआइआर 
पीड़िता ने गांव के देवलाल यादव समेत छह अज्ञात पर गया के महिला थाने में एफआइआर दर्ज करा दी है। साथ ही ,पंचायत में तुगलकी आदेश देने वाले पंचायत के सदस्य दुखन सिंह, कपिल सिंह, महादेव सिंह, बीरेंद्र सिंह के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज है। गया के प्रभारी वरीय पुलिस अधीक्षक मंजीत ने बताया कि थाना की देखरेख में अनुसंधान शुरू है। सोमवार को लड़की का बयान कोर्ट में दर्ज कराया गया। इससे पहले उसकी मेडिकल जांच प्रभावती अस्पताल व अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में कराई गई। 
आरोपित पंच महिला आयोग में तलबघटना का बिहार राज्य महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है। सोमवार को आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा ने गया के वरीय पुलिस अधीक्षक को घटना में संलिप्त आरोपितों को गिरफ्तार कर मामले की पूरी जानकारी देने के लिए तीन दिन का समय दिया है। वहीं पीडि़ता का सिर मुड़वा घुमाने का आदेश देने वाली पंचायत में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को सुनवाई के लिए दो सितंबर को आयोग कार्यालय में उपस्थित कराने की बात कही है। 
महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि ऐसे मामले दुखद और शर्मनाक हैं। आयोग इस तरह की घटना की निंदा करता है। कोशिश होगी कि सभी आरोपियों को जल्द कड़ी सजा मिले। 
पंच गिरफ्तार, दुष्‍कर्म के आरोपितों की तलाश जारीमामले के मीडिया में आने व महिला आयोग के स्‍वत: संज्ञान लेने के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने पंचायत में तालिबानी फैसला देने वाले पंच को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही सामूहिक दुष्‍कर्म के आरोपितों की खोजबीन के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है