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    कौमुदी महोत्सव 2019

    गया (प्रतिनिधि) आजाद पार्क स्थित गया जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में खुले आसमान के नीचे कौमुदी महोत्सव का आयोजन किया गया। लगातार 19 वर्षो से यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष कौमुदी महोत्सव का यह मंच गयाजी के ठुमरी घराने के प्रसिद्ध गायक पण्डित गोवर्द्धन मिश्र को समर्पित किया गया। साथ ही आदिकवि वाल्मीकि को उनकी जन्मतिथि पर याद करने के बाद विगत बारह महीनों में दिवंगत हुए देश के नामचीन साहित्यकारो-कलाकारों को सामूहिक रूप से श्रद्धांजलि दी गई।
    इस वर्ष का दशरथ मांझी लोक सम्मान 2019 रंगकर्मी व सिने कलाकार श्रीमती पद्मा मिश्रा को प्रदान किया गया।
    कार्यक्रम की शुरुआत संजीत कुमार व डॉ किरण बाला के चाँद गीत ओ सखि आओ रे, गीत गाओ रे, मेरे घर चाँद आयो रे और अमृत बून्द बरसे...से हुआ। बंधुआ मानपुर स्थित नेचुरल विद्यालय के बाल कलाकारों द्वारा आगत अतिथियों, कलाकारों व श्रोताओं के स्वागत में अभिनन्दन गीत प्रस्तुत किया गया। जैनेंद्र कुमार मालवीय के निर्देशन में शिक्षा पर आधारित एकांकी नया विहान प्रस्तुत किया गया। दाउदनगर के नकल कलाकार राज किशोर द्वारा यौन हिंसा पर एकल अभिनय मुनिया को सभी ने सराहा।
    कौमुदी महोत्सव में गया के अलावे नवादा, जहानाबाद, औरंगाबाद, अरबल के कवि साहित्यकारों ने भाग लिया। इस अवसर पर सम्मेलन के सभपति सह संयोजक सुरेन्द्र सिंह सुरेन्द्र, शिववचन सिंह, मणिलाल आत्मज, डॉ पप्पू तरुण, खालिक हुसैन परदेसी, उपेन्द्र सिंह, अरुण हरलीवाल, मणिकांत मणि, डॉ राम परिखा सिंह, अरुण श्रीवास्तव, धनंजय सिन्हा, चन्द्रदेव प्रसाद केशरी, मुद्रिका सिंह, डॉ रवि,कपिलदेव सिन्हा, नरेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे।
    मंच का संचालन सुमन्त के साथ किरण बाला ने किया। इस कार्यक्रम में डॉ राम सिंहासन सिंह, डॉ रामकृष्ण, डॉ निरंजन श्रीवास्तव सहित सैकड़ों श्रोता भी उपस्थित रहें।
    Dhananjay Sinha 9304612287

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