शांतिपूर्ण भक्तिमय माहौल में जय माता दी के जयघोष के साथ हुआ माता का विसर्जन
शारदीय नवरात्र के बाद दशहरा का पर्व पूरे ईमामगंज विधानसभा क्षेत्र के तीनो प्रखंडों में धूमधाम से मनाया गया। एक तरफ जहाँ असत्य पर सत्य की जीत के लिए रावण का दहन किया गया।वहीं दूसरी तरफ मां दुर्गा विसर्जन गाजे-बाजे के साथ बड़े धूम-धाम से किया गया।मान्यता है कि विसर्जन के बाद माता रानी वापस अपने लोक लौट जाती है। इसी मान्यता के अनुसार हर वर्ष नवरात्रि के बाद माता का प्रतिमा का विसर्जन जल में प्रवाहित कर किया जाता है। श्री राधा कृष्ण संगीतालय द्वारा माँ दुर्गा के प्रतिमा के पुजारी बिनोद पाठक ने बताया कि मान्यता है कि विसर्जन के बाद देवी अपने परिवार के साथ वापस कैलाश पर्वत के लिए प्रस्थान कर जाती हैं। क्योंकि शास्त्रों में ऐसा विधान बताया गया है। शास्त्र कहता है कि देवी-देवताओं की प्रतिमा को पूजन के बाद जल में समर्पित कर देना चाहिए।
नवरात्र के नौ दिनों में मां की आराधना की जाती है, उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। फिर मंगल कामना के बाद उनका विसर्जन किया जाता है। ईमामगंज में माँ दुर्गा का भव्य मूर्ति की स्थापना हुई थी। वही एकादशी के दिन ईमामगंज के गांधी मैदान में पिछले लगभग 100 वर्षों से भी ज्यादा समय से मेला लगता है। इस बार बुधवार को एकादशी पड़ा था और मान्यता के अनुसार गुरुवार को माँ का विदाई नही होता है। अगर बहुत जरूरी है तो गुरुवार को सरयोडी काल के पहले माँ की विदाई और विसर्जन कर देना चाहिए अतः गुरुवार को भले सुबह पांच बजे हीं माँ दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन कर दिया गया। सुबह चार बजे माँ को विदाई देने हेतु बाजार में आस्था का सैलाब उमड़ा। माताओ ने मां को सिंदूर लगाया और माँ से अंतिम विदाई ली और जल्द आने की कामना भी किया।इस अवसर पर राधा कृष्ण संगीतालय के अध्यक्ष सन्तान सिंह, विहिप जिला उपाध्यक्ष पारितोष पंकज, जाप जिला अध्यक्ष भवानी सिंह, अप्पू सिंह, भोला सिंह, कुणाल सिंह, कुमार विकाश कश्यप, विकाश कुमार पंडित के अलावा पूर्व उप सरपंच रवि कुमार, अभिजीत, अजित, सुजीत पाठक, संदीप सिंह आदि लोग मौके पर मौजूद थे।
नवरात्र के नौ दिनों में मां की आराधना की जाती है, उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। फिर मंगल कामना के बाद उनका विसर्जन किया जाता है। ईमामगंज में माँ दुर्गा का भव्य मूर्ति की स्थापना हुई थी। वही एकादशी के दिन ईमामगंज के गांधी मैदान में पिछले लगभग 100 वर्षों से भी ज्यादा समय से मेला लगता है। इस बार बुधवार को एकादशी पड़ा था और मान्यता के अनुसार गुरुवार को माँ का विदाई नही होता है। अगर बहुत जरूरी है तो गुरुवार को सरयोडी काल के पहले माँ की विदाई और विसर्जन कर देना चाहिए अतः गुरुवार को भले सुबह पांच बजे हीं माँ दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन कर दिया गया। सुबह चार बजे माँ को विदाई देने हेतु बाजार में आस्था का सैलाब उमड़ा। माताओ ने मां को सिंदूर लगाया और माँ से अंतिम विदाई ली और जल्द आने की कामना भी किया।इस अवसर पर राधा कृष्ण संगीतालय के अध्यक्ष सन्तान सिंह, विहिप जिला उपाध्यक्ष पारितोष पंकज, जाप जिला अध्यक्ष भवानी सिंह, अप्पू सिंह, भोला सिंह, कुणाल सिंह, कुमार विकाश कश्यप, विकाश कुमार पंडित के अलावा पूर्व उप सरपंच रवि कुमार, अभिजीत, अजित, सुजीत पाठक, संदीप सिंह आदि लोग मौके पर मौजूद थे।