गर्म जल का आनंद उठाने ऋषिकुण्ड पहुंचने लगे लोग, उपेक्षा से लोगों में रोष
हालांकि ऋषिकुण्ड के विकास के लिए ऋषिकुण्ड विकास मंच द्वारा आए दिन आवाज उठाया जाता रहा है। लेकिन अब तक ऋषिकुण्ड का विकास नहीं होना ऋषिकुण्ड के प्रति सौतेलेपन को दर्शाता है। गर्म जल के कुण्ड का आनंद लेने पहुंची अर्पिता कुमारी, सोनी कुमारी, राजेश मंडल, अमोद यादव आदि के साथ ऋषिकुण्ड विकास मंच के संयोजक मनोज कुमार सिंह व अध्यक्ष चन्द्र दिवाकर कुमार ने बताया कि ऋषिकुण्ड ऋषि मुनियों की तपोस्थली रही है।
रामायण काल से जुड़ा है ऋषिकुण्ड का इतिहास
उक्त स्थल ऋषि विभांडक के साथ श्रृंगी ऋषि की तपोस्थली रही है। यह महान योगी श्यामा चरण लाहेड़ी की समाधि स्थल पर मौजूद है। ऋषिकुण्ड का इतिहास रामायण काल से जुड़ा होने के बावजूद आज तक यह उपेक्षित पड़ा है। उक्त स्थल पर प्रत्येक तीन साल में एक बार अधिकमास के दौरान एक माह का मेला लगता है। अधिकमास मेला पूरे प्रदेश में दो स्थान राजगीर के साथ ऋषिकुण्ड में ही लगता है। राजगीर के प्रति प्रदेश की सरकार मेहरबान तो है, ऋषिकुण्ड के विकास के लिए पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार दौरा तक कर चुके हैं। बावजूद अब तक उक्त स्थल के विकास के प्रति किसी ने मेहरबानी नही दिखाई है।
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