लॉकडाउन के दौरान 3 दिनों के भीतर दो युवकों की समुचित इलाज के अभाव में रांची में हुई मौत-असामयिक मौत से गांव में मातमी माहौल
थाना क्षेत्र के बिटीबीघा गांव में लॉकडाउन के दौरान 3 दिनों के भीतर दो युवकों की समुचित इलाज के अभाव में रांची में हुई असामयिक मौत के बाद चारों ओर रुदन क्रंदन की करुण चीत्कार ने हर मानव हृदय को झकझोर कर रख दिया है। गांव में मातमी सन्नाटा है। स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ताजा घटना शनिवार की है। गांव के दफादार कन्हैया सिंह के अग्रज पुत्र रेवती रंजन उम्र लगभग 32 वर्ष की मौत रांची रिम्स अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई। स्वजनों के अनुसार वह मेंजाइटिस रोग से पीड़ित था। काफी प्रयास के बाद उसे रांची ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई । मृतक रंजन अपने पीछे पत्नी और दो अबोध के अलावा माता और पिता छोड़ गए हैं। परिजनों ने बताया कि वह प्राइवेट नौकरी कर अपने परिवार का भरण पोषण टाटा में कर रहा था।किया गया। मौत की सूचना मिलते ही करुण चीत्कार शुरू हो गया। माता दहाड़ मार रही हैं, पिता मूर्छित हो रहे हैं। यह सब कैसे हो गया किसी को यकीन नहीं हो रहा है। अंत में विधाता की यही मर्जी थी का सवाल रख रहे हैं।
शव पहुंचते ही करुण क्रंदन और मातमी माहौल
दफादार पुत्र का शव दोपहर बाद जैसे ही गांव पहुंचा लोगों में शोक की लहर दौड़ गई, दिल दहल उठा। युवक के सरल स्वभाव का बखान और अफसोस। गमगीन माहौल में ग्रामवासी। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया। ऐसे अनेक वाक्य सुनने को मिले। उल्लेखनीय हो कि दो दिन पूर्व 23 अप्रैल को गांव के ही वीकेश शर्मा उम्र लगभग 21 वर्ष की असामयिक मौत रांची में इलाज के दौरान हो गई थी। ग्रामवासी उस दर्द को भूल भी नहीं पाए थे। मृतकों के परिजनों ने बताया कि लॉक डाउन के कारण समय पर हम लोगों को उचित इलाज नहीं मिल सका। कहीं भी लाने ले जाने के लिए इतनी प्रशासनिक प्रक्रिया से गुजरना पड़ा की देर होता चला गया। विकेश रांची में ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। रेवती रंजन की मौत के सूचना ग्राम पंचायत श्रीरामपुर के व्हाट्सएप ग्रुप में जैसे ही दिया गया। पूरे पंचायत के सैकड़ों लोगों ने गहरा दुख व्यक्त किया है। पंचायत के मुखिया संजय सिंह ने गहरा दुख प्रकट करते हुए परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है। सबने ईश्वर से मृतक के आत्मा की शान्ति का कामना किया है।