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    कोरोना वायरस से किसानों को फसल उपजाने में कई तरह के परेशानियों का करना पड़ रहा है सामना

    जयप्रकाश (इमामगंज) देश में कोरोना वायरस को आने से इमामगंज प्रखण्ड के किसानों को फसल उपजाने में कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ बेमौसमी बारिश होने से किसानों को धान व गेहूं का फसल में भारी नुकसान हुआ है। वहीं इधर फरवरी माह से कोरोना वायरस को आ जाने से किसानों को मक्का का फसल पूरी तरह से चौपट हो गया है। इस सम्बंध विश्रापमुर गांव के किसान बैजनाथ प्रसाद, पकरी गांव के किसान कन्हाई प्रसाद, बरडीह गांव के अर्जुन प्रसाद कहतें हैं कि बेमौसमी बारिश ने धान गेहूं का फसल को नुकसान तो कर ही दिया। वहीं कोरोना महामारी को आने से मकई और सब्जी का फसल को बर्बाद कर दिया। वे कहतें हैं कि कोरोना को लेकर देश में लॉक डाउन होने के बाद खाद बीज का दुकान बंद हो जाने से व घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध रहने से मकई के फसल का पेड़ तैयार होने से पहले कीटनाशक दावा का छिड़काव नहीं हो सका। जिससे फतिंगा नामक कीट मकई का सारा पत्ता को चट कर गया। जिससे मकई का पौधा मजबूत नहीं हो सका। यही बजह रहा कि मकई के बालों में दाना नही आ सका। कुछ बालों में दाना आया भी है। तो वह दाना पुष्ट नहीं है। जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि मकई की खेती करने में जितना पूंजी लगा है। उसका एक हिस्सा भी मकई का पैदा नहीं पाएया है। वे बतातें है कि इस वर्ष बेमौसमी बारिश और कोरोना के चपेट में धान, गेहूं, मक्का, अरहर, राई, सरसो, व सब्जी आदि सभी फसलों में नुकसान ही सहना पड़ रहा है।

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