रक्तदान कर प्रभास ने बचाया डायलिसिस पीड़ित की जान , मानव रक्षा अभियान का मेहनत ला रहा रंग
कौशलेंद्र शेरघाटी
दिन हो या रात इस करोना महासंकट की घड़ी में भी मानव रक्षा अभियान समिति शेरघाटी के रक्तवीर सदस्य गया या औरंगाबाद 40 या 60 किलोमीटर दूर जाकर भी जरूरतमंद ईन्सान को रक्तदान कर जीवन बचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। शनिवार को सदस्यों ने रक्तदान अभियान में एक और नाम जोड़कर उपकार का नजीर प्रस्तुत किया। मानव रक्षा अभियान के अध्यक्ष सह संस्थापक कवि मुकेश ने बताया कि बाँकेबजार के प्रभास कुमार ने एक साल की थैलिसिमिया पिङित नन्ही बच्ची नव्या को अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल गया में ए पॉजिटिव ब्लड देकर जान बचाया। अभियान का हिस्सा बने शेरघाटी के अनुमंडल कार्यालय में कार्यरत महेश पासवान ने बताया कि समूह के मुकेश जी प्रभास से मोबाइल पर सम्पर्क कर रक्तदान करने के लाभ के बारे में बता कर जागरूक करते हुए एक थैलिसीमिया पिङित बच्ची के जीवन बचाने हेतु रक्तदान करने का आग्रह किया।
प्रभास कुमार ने अपने जीवन का पहला रक्तदान कर सहयोग करने के लिए अपने घर बाके बाजार से ही कवि मुकेश के साथ बाईक पर बारिश में ही भिंगते हुए शेरघाटी से 40 किलोमीटर दूर अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल ब्लड बैंक गया के लिए निकले। रात 8 बजे रक्तदान कर ईन्सानियत का अद्भुत मिशाल पेश किया।उक्त अवसर पर निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि एक थैलिसीमिया पिङित बच्चों का सम्पूर्ण जीवन रक्तदाता पर ही आश्रित होता है।इसलिए ऐसे बच्चों के लिए और भी युवाओं को रक्तदान कर जीवन बचाने हेतु आगे आने की जरूरत है।