दिल्ली कोर्ट ने ईडी की याचिका खारिज की, चिदंबरम 13 नवम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए

नई दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 13 नवम्बर तक बढ़ा दी। इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत से एक दिन के लिए हिरासत में पूछताछ की याचिका दायर की थी जिसे विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहार ने खारिज कर दिया।
इससे पहले, पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया केस के सीबीआई मामले में चिदंबरम को जमानत दे दी थी लेकिन ईडी द्वारा मामले दायर होने के कारण उन्हें जेल में ही रहना पड़ा था। कोर्ट ने इससे पहले, तिहाड़ प्राधिकरण को चिदंबरम को दवाएं, वेस्टर्न टॉयलेट, सुरक्षा और अलग से सेल उपलब्ध कराने को कहा था। कोर्ट ने घर का बना खाना खाने की अनुमति दी थी। चिदंबरम को सीबीआई ने 21 अगस्त को आईएनएक्स भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया था। अभी तक वे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की हिरासत में थे। अब वे न्यायिक हिरासत में भेजे गए।
चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए रिश्वत ली: सीबीआई
सीबीआई ने चार्जशीट में आरोप लगाया था कि चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए रिश्वत लेकर आईएनएक्स मीडिया को 2007 में 305 करोड़ रु. लेने के लिए विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड से मंजूरी दिलाई थी। इस निर्णय प्रक्रिया में कई सरकारी अधिकारी भी शामिल थे, जिनमें से एक का नाम सीबीआई चार्जशीट में हो सकता है। हालांकि, इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी के करीबी माने जा रहे इस अधिकारी के नाम का खुलासा नहीं हुआ। सीबीआई की चार्जशीट में इंद्राणी सरकारी गवाह हो सकती हैं। फिलहाल, वे बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में जेल में बंद हैं।
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