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    जल पद यात्रा 18 एवं 19 अक्टूबर को गया में

    गया (प्रतिनिधि) वाटर मैन ऑफ इंडिया राजेंद्र सिंह का 18 एवं 19 अक्टूबर को गया में निर्धारित कार्यक्रम के लिए कार्यक्रम स्थलों का निरीक्षण डीएम अभिषेक सिंह ने गुरुवार को किया। 18 अक्टूबर की सुबह 7:30 बजे से वाटरमैन के नेतृत्व में सीताकुंड से जल पद यात्रा का प्रारंभ किया जाएगा। यह जल यात्रा भुसुंडा मोड़, मुफस्सिल मोड़, मेहता पेट्रोल पंप होते हुए लखनपुर ग्राम के तालाब तक जाएगा। इस दौरान डीएम ने उपस्थित पदाधिकारी को सीता कुंड में स्टेज एवं बैठने की व्यवस्था करवाने का निर्देश दिया। इसके उपरांत डीएम ने लखनपुर गांव में निर्धारित कार्यक्रम आपका प्रशासन आपके द्वार कार्यक्रम के लिए बन रहे पंडाल का मुआयना किया साथ ही जल पद यात्रा समापन स्थल का भी अवलोकन किया तथा वहां स्टेज इत्यादि बनवाने का निर्देश संबंधित पदाधिकारी को दिया। भारत के प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता वॉटरमैन ऑफ इंडिया जल पुरुष राजेन्द्र सिंह जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने तरुण भारत संघ (गैर-सरकारी संगठन) के नाम से एक संस्था बनाई।
    राजस्थान जैसे सूखे प्रदेश को जल संकट से उबारने के लिए लंबी अवधि तक उन्होंने काम किया और स्थानीय ग्रामीणों के प्रयास से लगभग 1000 गांव में पानी के संकट को दूर किया।इसके लिए उन्होंने तरुण भारत संघ की स्थापना की और मात्र 23 हजार रुपये लेकर शुरुआत की। शुरु में गांव के लोगों को अपने मुहिम में शामिल करने में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उन्होंने बारिश के पानी को रोकने के लिए प्राचीन भारतीय प्रणाली अपनाई और गांवों में छोटे-छोटे पोखर तालाब बनाने शुरू कर दिए। पोखर में बरसात का पानी भर जाता है फिर इस पानी को मिट्टी धीरे-धीरे सोख लेती है, इससे जल स्तर बढ़ने लगता है। फिर उन्होंने पुराने कुँए और जोहड़ों को दोबारा जिंदा करने की मुहिम आगे बढ़ाई। उनके और गांव वालों की मेहनत से 6 मार्च, 1987 को मनोटा कोयाला में पहला जोहड़ का काम शुरू हुआ, जो सफल रहा। जोहड़ में जल संचय के फार्मूले को कामयाबी मिलने के बाद सिलसिला आगे बढ़ता गया। देश के कई इलाकों में राजेन्द्र सिंह के नेतृत्व में पानी को इकठ्ठा करने के लगभग साढ़े छह हज़ार जोहड़ो का निर्माण कराया गया। यही नहीं उनके सार्थक प्रयासों से कई नदियों और तालाबों को पुनर्जीवित किया गया। आज करीब साढ़े छह हजार जोहड़ों का निर्माण हो चुका है। वर्तमान में राजेंद्र सिंह की ये मुहीम समूचे भारत में फ़ैल गई है और वह ‘वाटरमैन ऑफ इंडिया’ बन गए हैं। राजेंद्र सिंह को वर्ष 2001 में एशिया का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। वर्ष 2015 में स्टाकहोम में पानी का नोबेल पुरस्कार माने जाने वाले स्टॉकहोम वाटर प्राइज से नवाजा जा चुका है। इसके आलावा वर्ष 2008 में ‘द गार्डियन’ ने उन्हें 50 ऐसे लोगों की सूची में शामिल किया है, जो पृथ्वी को बचा सकते हैं। पानी को लेकर चलाई गई क्रांति के कारण ही उन्हें वॉटरमैन ऑफ इंडिया कहा जाता है। राजेंद्र सिंह ने अपना सब कुछ न्योछावर करके राजस्थान को जल संकट से उबारने का काम किया। आज उनकी देश में ही नहीं विदेशों में भी तारीफ होती है।
    18 अक्टूबर 2019 को वे गया जिला के चार कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। पूर्वाह्न 7:30 बजे से सीता कुंड से भूसंडा मोड़, मुफस्सिल थाना, मेहता पेट्रोल पंप होते हुए लखनपुर ग्राम तक उनके नेतृत्व में जल पदयात्रा का आयोजन किया गया है। इसके उपरांत मानपुर के ही लखनपुर ग्राम में आयोजित आपका प्रशासन आपके द्वार कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। अपराह्न 4:00 बजे समाहरणालय सभाकक्ष में जल- जीवन- हरियाली अभियान के तहत जिला स्तरीय पदाधिकारी के साथ बैठक करेंगे एवं अपराह्न 6:00 बजे से बोधगया प्रखंड के जिन्दापुर पंचायत में आयोजित जल चौपाल में ग्रामीणों को जल संकट से उबरने के उपाय बताएंगे तथा उनसे जल संकट पर वार्ता करेंगे।
    फतेहपुर (गया) बाजार रोड स्थित बंशीघर ठाकुरबाड़ी के समीप अंग्रेज जमाने से सरकार की जमीन पर जल संचय के लिए बनाये गए हिरामन तालाब के नाम से चर्चित एक मात्र महत्वपूर्ण तलाब का अस्तित्व संकट में। लोग तालाब को कचरा,मिट्टी डालकर भरते जा रहे है।
    अतिक्रम का शिकार है।सरकार व प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत।
    Dhananjay Sinha
    9301224687

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