अगले साल आने के वायदे के साथ आज माता की वदाई।
गया (प्रतिनिधि) 8 अक्टुबर, 2019/ गया शहर के तुतबाड़ी, झीलगंज, जी. बी. रोड, नई गोदाम मोड़ एवं दुःखरणी स्थित अंग्रेज के शासनकाल से माता की प्रतिमा प्रतिष्ठापित की जा रही है। डेढ सौ साल बाद भी न तो स्थान बदला, न ही भक्ति कम हुई, तब भी विजयादशमी को माँ दुर्गा की पांच मूतियों का सामूहिक विसर्जन होता था और आज भी इस परंपरा को निर्वहन पीढी दर पीढी मुहल्लेवासी कर रहे है।
सन 1861 को दुःखरणी मंदिर स्थित पहली बार माँ दुर्गा की प्रतिमा प्रतिष्ठापित की गई थी। आज भी सब मिलकर इसका निर्वहन करते आ रहे है। सन 1892 तुतबाड़ी, सन 1901 जी. बी. रोड, सन 1915 नई गोदाम, सन 1917 झीलगंज से माँ की पांच मूतियां सामुहिक रूप से विजयदशमी को ही विसर्जन होती है।प्रशान की तरफ से हर साल मूतियों के विसर्जन के लिए दुःखरणी द्वार जामा मस्जिद से लेकर चौक टावर तक पुखता इंतजाम की जाती है। पांचों प्रतिमा को बारी बारी से दुःखरणी द्वार से अगले साल आने के वायदे के साथ आज माता की विदाई होती है।
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दुर्गा बाड़ी गया
Dhananjay Sinha
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