
प्रखंड सह अंचल कार्यालय के सभा भवन में शुक्रवार को आयोजित प्रखंड स्तरीय कृ़षि जागरूकता महाअभियान सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जाले कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ आरपी प्रसाद ने उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान आज खेती से मुँह मोरने लगे है क्योंकि एक वर्ष बाढ़ तो दूसरे वर्ष सूखार की नौबत आ रही है। यह पर्यावरण के बदलते परिवेश के कारण हो रहा है। जिस कारण प्रतिवर्ष 20 हजार किसान खेती से अपना मुंह मोड़ रहे हैं। कम लागत में अधिक पैदावार हो जिसके लिए सरकार ने कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं जिसका लाभ लेकर किसानों को उन्नत खेती करनी चाहिए। ड्रिप एरिगेशन योजना के तहत कम पानी मे अधिक उपज किसानों को होता है जिसमें 90 प्रतिशत अनुदान सरकार इस योजना पर दे रहा है। किसानों सिर्फ 10 प्रतिशत लागत से इस विधि का लाभ ले सकते हैं। बीएओ मो हारून रशीद ने किसानों से बीज के लिए ऑनलाइन आवेदन 10 नवंबर तक करने को कहा। जिन किसानों का ऑनलाइन आवेदन नहीं होगा उन्हें बीज नहीं मिलेगा। एक किसान 2 कुंटल तक बीज के लिए आवेदन कर सकते हैं। वहीं फसल क्षति मुआवजा के लिए ऑनलाइन आवेदन किसानों से करने को कहा गया और आवेदन करने के 3 दिनों के अंदर अपना हार्ड कॉपी आवेदन कृषि कार्यालय में जमा करने को कहा जिससे 7 दिनों के अंदर उसकी जांच रिपोर्ट पटना भेजी जा सके।
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