
प्रखण्ड बाल विकास परियोजना कार्यालय में व्याप्त अनियमितता व अराजकता अब खुलकर सामने आने लगी है। इसको लेकर जहां महिला पर्यवेक्षिका ज्योति कुमारी के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों के सघन निरीक्षण व ससमय प्रतिवेदन की मांग से सेविकाओं में हड़कम्प व्याप्त होते दिख रहा है, वहीं इससे बौखलाए सेविकाओं के द्वारा पर्यवेक्षिका पर पंजी सत्यापन के नाम पर रिश्वत मांगने का आरोप भी लगने लगा है। इधर इस पूरे प्रकरण में स्थानीय आईसीडीएस कार्यालय द्वारा कोई ठोस कदम न उठाकर कीं कर्तव्य विमूढ़ की स्थिति में दिख रहा है। अपने आरोप को लेकर मुखर हुई महिला पर्यवेक्षिका ज्योति कुमारी ने बताया कि उनके 3 सेक्टरों के अंतर्गत 5 दर्जनों से अधिक केंद्र संचालित है, जिसमें महज वैसे 5 सेविकाओं के द्वारा रिश्वत का यह झूठा आरोप लगाना अपने आप में संशय भरा है। उनका स्पष्ट कहना था कि केंद्र संचालन के प्रति लापरवाही बरतने व निरीक्षण के दौरान मिली अनियमितता की रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को किये जाने से बौखलाए सेविकाओं का यह अनर्गल व बेबुनियाद आरोप है। पर्यवेक्षिका ने उक्त आरोप को स्थानीय कार्यालय व दलालों से प्रेरित बताते हुए कहा कि आखिर किस परिस्थिति में कार्यालय में दलालों के अड्डा जमा रहता है, जबकि इसकी सूचना वरीय पदाधिकारी को दी जा चुकी है, बावजूद दलालों पर कार्रवाई न कर सेविकाओं व सेविका पतियों के द्वारा गलत आरोप - प्रत्यारोप लगाया जा रहा है, इसकी पुष्टि जांचोपरांत व कार्यालय में लगे सीसीटीवी फुटेज से हो जायेगा।
सीडीपीओ ने कुछ भी बताने से किया परहेज
इस बाबत पूछे जाने पर सीडीपीओ ईरा कुमारी के द्वारा सबकुछ सामान्य बताते हुए विशेष कुछ भी बताने से परहेज किया गया। बताते चले कि बीते गुरुवार के दिन स्थानीय प्रखण्ड मुख्यालय में आयोजित सेविकाओं की बैठक में हिस्सा लेने आई जिला प्रोग्राम पदाधिकारी प्रतिभा कुमारी गिरी को आवेदन देकर आधा दर्जन सेविकाओं ने महिला पर्यवेक्षिका ज्योति कुमारी पर पंजी सत्यापन के नाम पर अवैध रिश्वत मांगने का आरोप लगाय थी। जबकि उक्त पर्यवेक्षिका द्वारा पूर्व से ही स्थानीय कार्यालय में दलालों की दखलंदाजी को लेकर जिला कार्यालय को सूचना दी गई थी।
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