आर एस मेमोरियल बचपन किंडरगार्टन के बच्चों के बीच बाल-दिवस पर फैंसी ड्रेस कम्पटीशन
गुरुवार को बाल दिवस के अवसर पर आर एस मेमोरियल बचपन किंडरगार्टन, बांके बाज़ार ने बच्चों के बीच फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता 2019 का आयोजन किया। जिसमें लगभग 30 -35 छात्रों ने मनमोहक परिधान पहन कर रैंप पर कैटवॉक कर सबका मन मोह लिया। बल दिवस पर भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी के जन्म दिवस को केक काट कर मानते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस कार्यक्रम में 3 से 6 साल के छात्र-छात्राओं ने राजनेता, राधा, भारत माता, सैनिक के परिधान पहन कर कैटवाक किया।
विधालय परिवार से 5 जज चुने गए थे जिन्होंने तीन मापदंडों पर बच्चो के प्रतिभा को आंका। काफी लंबी मसक्कत के बाद जजों ने पठान और परी की वेशभूषा धारण करने वाली कुमारी अंशिका सिंह (6 वर्ष ), शहान (3 वर्ष) और मारिया फातिमा (4 वर्ष) को संयुक्त रूप से तीसरा, राहुल गांधी के परिधान को नकल करने वाले अयान खान (5 वर्ष) को दूसरा और सोनिया गांधी के परिधान पहन कर उनके भाषण और सोच को प्रदर्शित करने वाली फजीलत फैजल (7 वर्ष) को पहला पुरस्कार का मेडल और पुरूस्कार दे कर सम्मानित किया। अन्य प्रतिभागी छात्रों के बीच भी सांत्वना पुरस्कार देकर उनकी हौसला अफजाई की गई
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इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विधालय के निदेशक कमलेश कुमार ने ये बताया की ऐसी प्रतियोगिताओं से बच्चो के अंदर सृजनात्मक सोच को विकसित करने में सहायक सिद्ध होती है और बच्चो को अपने आप के ऊपर अपना विश्वास जागृत करने में ताकत मिलती हैं। इस कार्यक्रम में विद्यालय परिवार के साथ साथ अभिभावक भी उपस्थित रहे।
विधालय परिवार से 5 जज चुने गए थे जिन्होंने तीन मापदंडों पर बच्चो के प्रतिभा को आंका। काफी लंबी मसक्कत के बाद जजों ने पठान और परी की वेशभूषा धारण करने वाली कुमारी अंशिका सिंह (6 वर्ष ), शहान (3 वर्ष) और मारिया फातिमा (4 वर्ष) को संयुक्त रूप से तीसरा, राहुल गांधी के परिधान को नकल करने वाले अयान खान (5 वर्ष) को दूसरा और सोनिया गांधी के परिधान पहन कर उनके भाषण और सोच को प्रदर्शित करने वाली फजीलत फैजल (7 वर्ष) को पहला पुरस्कार का मेडल और पुरूस्कार दे कर सम्मानित किया। अन्य प्रतिभागी छात्रों के बीच भी सांत्वना पुरस्कार देकर उनकी हौसला अफजाई की गई
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इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विधालय के निदेशक कमलेश कुमार ने ये बताया की ऐसी प्रतियोगिताओं से बच्चो के अंदर सृजनात्मक सोच को विकसित करने में सहायक सिद्ध होती है और बच्चो को अपने आप के ऊपर अपना विश्वास जागृत करने में ताकत मिलती हैं। इस कार्यक्रम में विद्यालय परिवार के साथ साथ अभिभावक भी उपस्थित रहे।