बिहार की ज्योति ने कुछ ऐसा काम किया है की उसके सम्मान में एक डाक टिकट जारी की गई
गुरुग्राम से बीमार पिता को साईकल पर
बैठा कर लाई थी बिहार
बिहार की ज्योति ने कुछ ऐसा काम किया है जिसकी तारीफ देश-विदेश में होने लगी है। वह अपने बीमार पिता को साईकल के पीछे बिठाकर गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा की दूरी तय की है।
दरभंगा पोस्ट विभाग के अधीक्षण उमेश चंद्र प्रसाद ने ज्योति के गांव जाकर खुद उसे यह डाक टिकट दिया और सम्मानित किया। अधीक्षक ने उसे 5100 रुपए का चेक सौंप कर उसे फेरारी क्वीन का दर्जा भी दिया। आर्थिक मदद के साथ ज्योति को कपड़े भी दिए गए। अधीक्षक ने ज्योति के पिता को भी सम्मानित किया और ज्योति का पोस्ट ऑफिस में खाता भी खुलवाया। दरभंगा डाक विभाग ने My Stamp डाक टिकट जारी किया है।
बता दें 15 वर्षीय ज्योति के पिता रिक्शा चलाने का कार्य करते थे। ज्योति ने कहा है कि मुझे सायक्लिंग में कैरियर बनाने का ऑफर मिला है। लॉकडाउन के बाद मैं दिल्ली जाउंगी और यदि सफल होती हूं तो मैं सायक्लिंग में भारत का प्रतिनिधित्व करुंगी और आगे की पढ़ाई भी करना चाहती हूं।
इससे पहले, गुरुग्राम से दरभंगा स्थित गांव पहुंचने के बाद दरभंगा के जिलाधिकारी ने भी ज्योति से मुलाकात कर उसकी तारीफ की। डीएम ने ज्योति को सम्मान देते हुए एक नई साइकिल भेंट की और उसका कक्षा नौ में नामांकन करा दिया। वहीं दरभंगा के सबसे प्रतिष्ठित सीबीएसई एफिलिएटिड डॉन बॉस्को स्कूल ने कक्षा 9वीं से बारहवीं तक की कितावों सहित निशुल्क शिक्षा देने की घोषणा की है।