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    परदेश से लौटे प्रवासी मजदूरों को काम की तलाश, कुछ लोग अपना रहे स्वरोजगार

    शेरघाटी से  कौशलेन्द्र
    शेरघाटी प्रखंड के ढावचिरैया पंचायत के सोनडीहा के प्रवासी मजदूर को आज भी काम की तलाश है। लॉक डाउन से दो-चार दिन पूर्व से लेकर लॉक डाउन अवधि में अपने घर वापस लौटे मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा है।इन मजदूरों में से कुछ ने गांव घर में बन रहे मकान या खेती के काम में दिहाड़ी करने लगे हैं तो ज्यादातर लोग फिलहाल बेकार बैठे हैं। इन्हीं में से 2 मजदूर जेठू उर्फ उपेंद्र पासवान एवं अखिलेश पासवान अपना स्वरोजगार तलाश चुके हैं। लेकिन कम पूंजी चुनौती है। फिर भी धैर्य के साथ काम शुरू कर दिया है। जेठू पासवान ने बुधवार को बताया कि महीनों से लॉक डॉन टूटने का इंतजार कर रहे थे। लोक्टके डाउन टूटने की अवधि जब काफी लंबी हो गई तो घर की माली हालत देख कर रहा नहीं गया। खाने का दिक्कत होने लगा।ऐसी स्थिति में गांव में घूम घूम कर सब्जी बेचने का काम पिछले 1 सप्ताह से शुरू कर दिए हैं। जिससे घर का दाना पानी चल रहा है। 
    सुबह शाम अपने घरों पर ही सब्जी बेचते हैं।उसके बाद 8:00 बजे से 4:00 बजे तक गांव-गांव में घूमकर सब्जी बेचने का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि कोलकाता में हम पेशे से टैक्सी चालक है। वहां टैक्सी चलाकर अपने परिवार का परवरिश करते थे। उन्होंने बताया कि लगभग ₹15000 प्रति माह में पगार मिल जाती थी। लेकिन कोरोनावायरस के कारण होली में घर आने के बाद पुनः कोलकाता नहीं जा पाए।अब घर के लोगों को खिलाना भी एक चुनौती बन गया है। इसी को ध्यान में रखकर अपना स्वराज रोजगार शुरू कर दिए हैं। इसी प्रकार अखिलेश पासवान बताते हैं कि गत सप्ताह को क्वारण्टाईन से वापस लौट कर घर आने पर घर की स्थिति को देखते हुए फिलहाल मछली बेचने का मन बना चुके हैं।इसके लिए एक ठेला तैयार कर रहे हैं।शेष अवधेश मनोज दूधेश्वर देवदीप भोला, राकेश पंकज रवि लखन व गया पासवान अरुण जी प्रमोद जी आदि को आज भी रोजगार की तलाश है।
    पंचायत के सरपंच उमेश यादव ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को घर लौटने के बाद घरेलू विवाद के कोई मामले नहीं आये हैं। 
    मुखिया बोले 
    पंचायत के मुखिया रामलखन मांझी ने बताया कि लौटे प्रवासी मजदूरों को काम देने के लिए कोई गाइड लाइन नहीं आया है। जिसका पहले से जॉबकार्ड है। वो काम चालू होने पर कर सकता है। अलग से कोई व्यवस्था नहीं है।

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