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    सब्जी और फल की बढ़ी हुई कीमत निम्न और मध्यम वर्गीय परिवार को रुला रही है, गृहणी का बजट हो रहा फेल। लॉक डाउन आफत बनकर आया

    कौशलेंद्र, शेरघाटी 
    लॉकडाउन के कारण शेरघाटी में आर्थिक तंगी की मार झेल रहे लोगों को अब सब्जी औऱ फल की बढ़ी हुई कीमत रुला रही है। गृहिणी का बजट फेल हो रहा है। कभी 100 रुपये में दो समय या उससे भी ज्यादा का सब्जी चलने वाला एकल परिवार में अब 100 रुपये में एक वक्त की सब्जी भी पूरा नहीं हो रहा है। बुधवार को शेरघाटी नगर पंचायत और नई बाजार सब्जी मंडी में पड़ताल के बाद यह बात सामने आई। फिलहाल कोई भी सब्जी औसतन ₹40 प्रति किलो से कम नहीं है। टमाटर, फूल गोभी, शिमला मिर्च खेक्सा आदि की कीमतों में भारी उछाल आया है। सब्जी विक्रेता सुरेश प्रसाद, प्रदीप कुमार आदि बताते हैं कि झारखंड या अन्य स्थानों से प्रतिदिन आने वाला सब्जी का आवक कम हो गया है। थोक मंडी में कीमत बढ़ गई है। इसलिए सब्जी के खुदरा भाव में उछाल आया है। यहां तक कि सब्जियों का राजा माने जाने वाला आलू की कीमत भी चरमोत्कर्ष पर है। आलू का खुदरा भाव 30 से ₹35 प्रति किलो पहुंच गया है। 
    कुछ यही हाल दाल का भी है। कुल मिलाकर गृहिणी का बजट काफी खराब हो गया है। गोला बाजार की गृहिणी चमेली देवी कहती हैं कि अब तिरंगा भोजन यानी दाल भात सब्जी भी मुश्किल हो रहा है। पापड़, चटनी, अचार, भाजी, चोखा यह तो थाली से गायब हो चुके हैं। एक और शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हरी सब्जी खाने का चिकित्सक द्वारा सलाह दिया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर हरी सब्जी का कीमत आसमान छू रहा है। गरीबों की पकड़ से बाहर होता जा रहा है।

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