छात्रा लोरी वर्मा देसी राखी अपने भाई के साथ-साथ फौजी भाइयों के लिए तैयार कर रही है
गया जिला के इमामगंज निवासी 11 वर्षीय छात्रा लोरी वर्मा पिता परितोष पंकज एमएस मेमोरियल अकादमी इमामगंज में पांचवी कक्षा में शिक्षा ग्रहण करने वाली अपने हाथों से देसी राखी का निर्माण भाई के साथ-साथ उन नौजवान फौजी भाइयों के लिए तैयार कर रही है जो सरहद पर देश की सुरक्षा में अपनी जान के परवाह किए बगैर रात दिन एक कर हमारी सुरक्षा में लगे हैं।
लोरी वर्मा बताती है कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी बीमारी में भी बिना डर भय के वगैर जान के परवाह किए देश कि सुरक्षा में उन फौजी भाइयों के लिए राखी तैयार कर रही हूं।
इन दिनों पूरी दुनिया में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी कोहराम मचा दिया है जिसको लेकर बिहार में 16 अगस्त तक लॉकडाउन लगाया गया है इस लॉकडाउन में राखी के बिक्री पर खासा असर देखने को बाजारों में मिल रहा है। मै लॉकडाउन की वजह से इन दिनों घर पर हीं रह रही हूँ, घर का कोई भी सदस्य बाजार नही जा रहा और न हीं राखी बाजार में कहीं बिकता दिख रहा है। कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री को लोकल समानो और स्वदेशी अपनाने की बात कहते सुनी थी, तो मेरे जहन में आया कि क्यों नहीं स्वयं राखी निर्माण की जाए। मैने अपनी इच्छा अपने माता-पिता को बताई। उनलोगों के निर्देशन में मैंने राखी बनाना प्रारम्भ किया। सावन पूर्णिमा के दिन सभी बहने अपने भाई की लंबी आयु के लिए हाथ के कलाई पर राखी बांधकर ईश्वर से भाई की दीर्घायु होने की कामना करती हैं, इसीलिए उन बहनों के लिए जिनके पास बाजार में राखी उपलब्ध नहीं है मै स्वयं निर्मित राखी तैयार कर रही हूँ, जो भी बहन राखी बनाना सीखना चाहती है मैं उन्हें यथासम्भव उन्हें सहयोग करने को तैयार हूं।